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मोदी सरकार ने वादा किया Farmers Protest || किसानों की असली 10 मांगें जान लीजिए

On: June 21, 2025 7:17 PM
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  एक और किसानों की टोली  है तो दूसरी ओर पुलिस का पूरा दलबल कटीले तार , ड्रोन से आंसू गैस , किले  और सड़कों पर सीमेंट वाली ब्रैकेट , सब कुछ इंतजाम कर दिया गया है और इंतजाम इसलिए किया  ताकि किसानों  की  भी भीड़  देश की राजधानी में एंट्री ना ले सके  कंक्रीट की दीवारों को रातों-रात खड़ा कर दिया है सड़क पर मकसद इस बार वही की किसी भी हाल में किसान  दिल्ली ना पहुंच सके  पुलिस की  तैयारी  उतनी ही दमदारी से किसानो को रोकने में पूरा जुटी हुई है !  किसानों ने इस बार आंदोलन को चलो दिल्ली मार्च का नाम दिया है  !

किसान आंदोलन 2.0 आंदोलन भी कहा जा रहा है

किसान आंदोलन 2.0 आंदोलन भी कहा जा रहा है

 

लेकिन इस बार किसान आंदोलन 2.0 आंदोलन भी कहा जा रहा है  किसानों का इस बार आंदोलन 2020 – 21  किसान आंदोलन से कितना अलग है और इस बार किसानों की मांग क्या है देश में जब भी इस तरीके का आंदोलन होते हैं तो एक पक्ष  विरोध में खड़ा हो जाता है !एक बार किसानों की मांगों को जान लीजिए उसके बाद विरोध करना है या समर्थन करना है इस बार किसान आंदोलन कैसे अलग है और किसान आंदोलन कृषि कानून के खिलाफ  नहीं है यह आंदोलन किसानो की पुरानी  मांगे है जिसे कई सरकारों ने नजर अंदाज कर दिया  है किसानो ने पहले आंदोलन किया था और  सरकार  को झुकना पड़ा सरकार बैक फुट पर गई किसानों की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार को अपने तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े थे !

पिछले आंदोलन के समय MSP  पर जो गारंटी देने का वादा किया था उस  वादे को सरकार ने पूरा नहीं किया MSP   के साथ बाकी जो मुद्दे किया वह भी पूरे नहीं किए गए इसलिए आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा के तहत आंदोलन को बड़ा रहे है  इस बार आंदोलन अलग-अलग  संगठन एक साथ आकर ट्रेक्टर  ट्राली और राशन साथ लेकर आ रहे हैं यानि पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों का लंबे समय तक दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर धरना देने का है और उनकी कोशिश तो यह है उसको आप पॉइंट वाइज समझ लीजिए  !

किसानो की क्या मांगे है 



1  मांग  किसानो  की जो सबसे महत्वपूर्ण   है  वह है   न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP  के लिए कानून बने 


2 मांगे स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को पूरा करे  वही स्वामीनाथन जिनको अब हरित क्रांति का जनक कहा  गया है उन्होंने किसानों की बेहतरीन के लिए कई योजनाएं लागू करने का प्रस्ताव सरकार को दिया था लेकिन कोई सी भी सरकार उनके नियमों को पूरा नहीं कर पाई है उनके प्रस्ताव को पूरा नहीं कर पाई है



3 मांग किसानों  की है  पिछली बार धरने पर बैठे  किसानो  की जो मौत हुई है उनके परिवार में सभी को एक-एक गवर्नमेंट जॉब दी जाए 


4  मांग जिन किसानों की आयु 58 वर्ष से ऊपर है उन सभी को पेंशन के रूप में ₹10000 सरकार द्वारा दी जाए 


5  मांग लखीमपुर खीरी में सखी पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिले


6   मांग कृषि वास्तु दूध उत्पादन फलों सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता  बढ़ाया जाए 


7  मांग किसानो की मांग है  नकली बीज , किटनाशक  और उर्वरक को बेचने बनाने वाली कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाए 

8 मांग मांगे मिर्च हल्दी बाकी सुगंधित फसलों की खेती को बढ़ाओ देने के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की जाए 


9  मांग किसानो की विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए 


10  मांगकिसानो  की सबसे महत्वपूर्ण मांगे MSP  को लागू किया जाए और जो MSP पर जो प्रस्ताव हुए थे उनका पूरा किया जाए जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और किसानों को बिचोलीयो  से ज्यादा फायदा पहुंचेगा।

किसानो की तमाम मांगो  को लेकर 12 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत हुई लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल पाया और फिर 13 फरवरी को किसानो  की  पूरी टोली को  दिल्ली के लिए रवाना हो गई 

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