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CAA कानून |
लोकसभा चुनाव से पहले देश में Citizenship Amendment Act यानी (CAA) कानून लागू हो जाएगा गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि (CAA) कानून देश का कानून है उसका नोटिफिकेशन निश्चित रूप से हो जाएगा और चुनाव से पहले इसे लागू किया जाएगा इसे लेकर किसी को कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए गृह मंत्री अमित शाह ET ग्लोबल बिजनेस समिति के दौरान यह बातें कहीं और अमित शाह ने कहा (CAA) कानून लागू करने का वादा कांग्रेस सरकार ने किया था जब देश का विभाजन किया कई देशों में अल्पसंख्यक लोगों पर अत्याचार हो रहे थे तो कांग्रेस ने शरणार्थियों को भरोसा दिलाया था कि वह भारत आ सकते हैं यहां उन्हें नागरिकता दी जाएगी लेकिन फिर कांग्रेस अपनी बात से बदल गए गृह मंत्री ने कहा कि किसी की भी नागरिकता लेने या छीलने का कानून नहीं है !
बांग्लादेश , पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना है !
हमारे देश के अल्पसंख्यक समुदायों खासतौर पर मुस्लिम भाइयों को भड़काया जा रहा है (CAA) कानून से किसी के सिटीजनशिप नहीं छीन सकता क्योंकि इसमें ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है (CAA) कानून ऐसा एक्ट है जो बांग्लादेश अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना सह रहे शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है और मैं मानता हूं कि इसमें किसी का विरोध नहीं होना चाहिए साल 2016 में पेश किया गया था इसमें 1955 के कानून में कुछ बदलाव किए जाने थे भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश बांग्लादेश , पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना है और 12 अगस्त 2016 को असिस्टेंट सांसद कमेटी के पास भेजा गया कमेटी में 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट सौंप थी !
9 दिसंबर 2019 को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बिल पेश किया था 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में इसके पक्ष में 25 और खिलाफ 99 वोट पड़े थे अगले ही दिन यानी 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई लोकसभा में आने से पहले ही यह बिल विवाद में था लेकिन जब यह कानून बन गया तो उसके बाद उसका विरोध और तेज हो गया दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए 23 फरवरी 2020 की रात जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास भीड़ के इकट्ठाहोने के बाद हिंसा दंगों में तब्दील हो गई !
(CAA) कानून का विरोध 3 राज्यों ने किया था !
देश भर में भारी विरोध के बीच यह बिल दोनों सदनों से पास होने के बाद कानून की शक्ल ले चुका है बस इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाना बाकी है बिल के संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद भी कर राज्य इसके विरोध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुके हैं सबसे पहले केरल के मुख्यमंत्री की Pinarayi Vijayan ने दिसंबर 2019 में (CAA) कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए कहा था कि यह धर्मनिरपेक्ष नजरिया और देश के खिलाफ है इसमें नागरिकता देने से धर्म के आधार पर भेदभाव होता उसके बाद पंजाब और राजस्थान सरकार ने विधानसभा में (CAA) कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया पश्चिम बंगाल में भी इस बिल के विरोध में प्रस्ताव पारित किया ममता बनर्जी ने कहा था कि बंगाल में हम (CAA) कानून को पारित नहीं होने देंगे !