Tata Group कारोबार के एक्सपेंशन को लेकर फुल एक्शन मोड में आ चुका है फिलहाल Tata Group Renewable Energy और Electric Vehicle सेक्टर में अपना कारोबार विस्तार करने पर फोकस कर रहा है इसी बीच खबर आ रही है कि Tata Group अपने बैटरी बिजनेस को एक अलग कंपनी के रूप में एस्टेब्लिश कर सकता है इसके साथ ही Tata Group की अपनी EV कारोबार को अलग करने की भी चर्चा चल रही है है T ata Group अपने बैटरी और EV बिजनेस को लेकर कुछ बड़ा करने की तैयारी में है रिपोर्ट के अनुसार ग्रुप इस कारोबार को अलग करने पर विचार कर रहा है Money Control में सोर्सेज के हवाले से इसकी जानकारी दी है कि टाटा ग्रुप अपने बैटरी कारोबार को एक अलग कंपनी में बदल सकता है और इसे स्थापित करने का वह प्लान कर रहा है Tata Group एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस को एक इंडिपेंडेंस यूनिट में बदलने की शुरुआती चर्चा में है !
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Tata Group |
Money Control के सोर्सेज के हवाले से बताया है
इससे बैटरी कारोबार को फंड जुटाना और आगे जाकर बाजार में लिस्ट होने में मदद मिलेगी बता दे की Tata Group फिलहाल Renewable Energy और Electric Vehicle सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रही है बैटरी कारोबार को एक अलग कंपनी के तौर में एस्टेब्लिश करने का कम इसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है Money Control के सोर्सेज के हवाले से बताया है की मार्केट सेंटीमेंट के आधार पर और ग्रंथ को देखते हुए बैटरी कारोबार की लिस्टिंग पर वैल्यू पास से 10 अरब डॉलर के बीच हो सकती है हालांकि इस मामले में अभी तक Tata Group की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं आया है वेबसाइट के अनुसार बैटरी यूनिट , ऑटो और एनर्जी सेक्टर के लिए बैटरी डिजाइन करती है और बनती है !
Bloomberg ने खबर दी थी कि Agratas बैंक के साथ 50 करोड़ का ग्रीन लोन
फैक्ट्री भारत और UK में है Tata Motors और इसकी यूनिट Jaguar and Land Rover ऑटोमेटिक PLC के मुख्य है SUV और EV में अपनी मजबूत पोजीशन की वजह से टाटा मोटर्स पिछले महीने भारत की सबसे वैल्युएबल CAR कंपनी बनी थी !10 जनवरी में ही Bloomberg ने खबर दी थी कि Agratas बैंक के साथ 50 करोड़ का ग्रीन लोन पाने के लिए बातचीत कर रहे है इस पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी फैक्ट्री को डेवलप करने में करेगी वहीं बैटरी के अलावा रिपोर्ट्स में EV बिजनेस को भी अलग किए जाने की बात कही जा रही है टाटा मोटर्स अपने electric vehicle कारोबार को भी अलग करने की संभावनाएं तलाश रही है क्योंकि इससे कुछ मौजूदा निवेशक कंपनी से निकलना चाह रहा है रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आगे जाकर कारोबार भी अलग कंपनी के रूप में लिस्ट किया जा सकता है हालांकि चर्चा शुरुआती चरण में होने की जानकारी मिली है हो सकता है कि आगे चलकर ग्रुप कारोबार को अलग करने की फैसले से पीछे भी हट जाये इसकी ऑफिशियल अभी अलाउंसमेंट नहीं हुई है !